Taj Mahal art

Taj Mahal.

Taj Mahal


Jehangir's son Shah Jahan was born on January 5, 1592 A.D. in Lahore. His mother was the daughter of the famous Rajput Ramani Jagat Gosai Raja Uday Singh. His childhood name was Khurram.
 The childhood name of Mumtaz Mahal was Arjumand Bannu Begum. On January 17, 16 31 A.D., Shah Jahan's beloved Begum Mumtaz died the Taj Mahal in Agra is a unique monument to this marital love. Mumtaz was a very beautiful beauty and freed from him, Shah Jahan had conferred him with the title of Mumtaz Mahal.
  Many buildings in the Agare fort built by Shah Jahan introduce his ornate nature and interest. In which Moti Masjid Musumman Turret, etc., holds its aditya place. Shah Jahan's period in the Mughal dynasty and empire was a period of climax. His peacock throne was associated with precious stones in the heart of which the world famous Kohinoor was a flaring diamond. After the death of Mumtaz Mahal, the Taj Mahal has taken 22 years and rs. 3 crores have been spent.The world of Mughal architecture the famous great stunning unique crown of the venerable beautiful, fascinating image excellent artwork, symbolizing the immense love of Shah Jahan, who does not know the Taj Mahal in Agra, the love of all of us? This magnificent building was built by Shah Jahan in Agra on the banks of the river Yamuna in remembrance of his very beautiful beloved wife, Arjumand Bannu Begum.
This sweet marble-made world famous building is the only building in its own world. The beauty of the white marble is reflected in the same colours. The 145 feet high dome is combined with four very beautiful minarets at the four corners with its four small goons. The four main gates of the four directions and the window of the same shape make the mind introvert. Inside is a huge hall 80 feet high.
  The Taj Mahal is located on a large rectangular platform of 19 feet high, the entire creation of white marble is seen in various forms in the water of the Talon in front of the main gate.

ताजमहल। 


जहांगीर की पुत्र शाहजहां का जन्म 5 जनवरी 1592 ईस्वी को लाहौर में हुआ।उनकी माता सुप्रसिद्ध राजपूत रमणी जगत गोसाई राजा उदय सिंह की पुत्री थी। इनके बचपन का नाम खुर्रम था। 
मुमताज महल के बचपन का नाम आरजुमंद बानो बेगम था। 17 जनवरी 16 31 ईसवी को शाहजहां की प्रिय बेगम मुमताज की मृत्यु हो गई आगरा का ताजमहल इस दांपत्य प्रेम का अद्वितीय स्मारक है। मुमताज अति सुंदरी थी तथा उस पर मुक्त होकर शाहजहां ने उसे मुमताज महल की उपाधि से विभूषित किया था।
  शाहजहां द्वारा निर्मित आगरे के किले की अनेक इमारतें उसके अलंकृत स्वभाव एवं अभिरुचि का परिचय देती है। जिसमें मोती मस्जिद मुसम्मन बुर्ज आदि अपना आदित्य स्थान रखती है। मुगल वंश तथा साम्राज्य में शाहजहां का काल चरमोत्कर्ष का काल था।उसका मयूर सिंहासन बहुमूल्य पत्थरों से जुड़ा था जिसके बीचो-बीच विश्व प्रसिद्ध कोहिनूर जगमगाता हीरा था। मुमताज महल की मृत्यु के बाद ताजमहल के बनाने में 22 वर्ष लगे हैं और 3 करोड रुपए व्यय हुए हैं।
  मुगलकालीन वास्तुकला के संसार प्रसिद्ध महान आश्चर्यजनक अद्वितीय ताज का आदरणीय सुंदर, आकर्षक छवि उत्कृष्ट कलाकृति ,शाहजहां के असीम प्यार का प्रतीक, हम सबका प्यार जगमगाता आगरा के ताजमहल को कौन नहीं जानता? इस भव्य इमारत को शाहजहां ने अपनी अति सुंदर प्रिय पत्नी आरजूमंद बानो बेगम की याद में यमुना नदी के किनारे आगरा में बनवाया।
 यह स्वीट संगमरमर से निर्मित विश्वविख्यात इमारत अपने ढंग की संसार में अकेली इमारत है। जिसकी श्वेत संगमरमर की सुंदरता उन्हीं रंगों में प्रतिबिंबित होती रहती है। 145 फीट ऊंची गुंबद अपने चार छोटे-छोटे गुंडों के साथ चारों कोनों पर चार अत्यंत सुंदर मीनार सहित संयोजित है।अलंकारिक बड़े-बड़े चारों दिशाओं के चार मुख्य द्वार तथा उसी आकृति के झरोखे मन को अंतर्मुखी बनाते हैं। अंदर 80 फीट ऊंचा एक विशाल हॉल है।
  19 फीट ऊंची एक वृहद आयताकार मंच पर ताज महल स्थित है सारी रचना श्वेत संगमरमर की है मुख्य द्वार के सामने तलाव के जल में ताजमहल का प्रतिबिंब विविध रूपों में देखा जाता है।

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